रेमडेसिविर कैसे काम करता है | CYTOKINE STORM | Dexamethasone | HRCT TEST | KYA HAI
रेमडेसिविर एंटी-वायरल दवा है जो शरीर के अंदर वायरस के विस्तार को रोकती है। इसे हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए कैलिफोर्निया के गिलीड साइंसेज ने 2009 विकसित किया था। लेकिन, यह इस दवा ने उसपर कभी काम नहीं किया और 2014 तक इसपर रिसर्च चलता रहा। बाद में इसका इस्तेमाल इबोला वायरस के इलाज के लिए शुरू कर दिया गया। तबसे लेकर इस दवाई का उपयोग कोरोना वायरस परिवार के दो रोगों मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एमईआरएस) और सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एसएआरएस) के उपचार के लिए किया जाने लगा। किसी भी वायरस के आनुवंशिक सामग्री (जेनेटिर मटेरियल) में डीएनए या आरएनए मौजूद रहता है। कोरोना वायरस आरएनए वाला वायरस है। नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19 ) इंसानी कोशिकाओं के अंदर मौजूद एंजाइम की मदद से (आरएनए पॉलिमर्स) से अपनी कॉपी तैयार करने लगता है। रेमडेसिविर एंजाइम को रोक देता है, जिससे कोरोना वायरस का विस्तार होना बंद हो जाता है। इसकी वजह से रोग की गंभीरता धीरे-धीरे कम होने लगती है, क्योंकि इसकी वजह से कोरोना वायरस अपना कॉपी तैयार नहीं कर पाता।
CYTOKINE STORM KYA HAI
कई कोरोनो वायरस के रोगी पहले खुद को बेहतर महसूस करते हैं लेकिन बाद में उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है और वो कमजोर होते चले जाते हैं। इसके बाद उनका शरीर वायरस के मुताबिक ही रिएक्ट भी करता है। इसको साइटोकिन स्टार्म (Cytokine Storm) कहा जाता है। कोरोना पर शोध करने वाले वैज्ञानिक अब इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं ऐसा क्यों और कैसे होता है। बीते कुछ महीनों के दौरान इसमें लगातार तेजी देखने को मिली है।
कुछ लोगों में ये भी देखने को मिला है कि जहां इस प्रभाव को कम करने में सफलता हासिल हुई वहां पर मरीज के बचने के चांस भी बढ़ जाते हैं। कहने का अर्थ है कि साइटोकिन स्टार्म का रोका जाना कोरोना मरीज के लिए बेहद प्रभावशाली है। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए करीब एक दर्जन दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ ऐसी दवाएंं जिनका काम खून की सफाई करना है, जो डाइलीसिस के दौरान मशीनों से होता है
आपको बता दें कि एक तय मात्रा खून में मौजूद साइटोकिन (Cytokine) हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम के लिए काफी कारगर होते हैं। लेकिन यदि खून में इनकी मात्रा अधिक हो जाए तो ये घातक साबित हो सकते हैं। इनकी तय मौजूदगी हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर काम करने में सहायक होती है। इनके बढ़ने से शरीर में इंफेक्शन हो सकता है और दूसरी बीमारियां शरीर को घेर सकती हैं। इम्यूनोथेरेपी के बाद भी इनकी संख्या बढ़ सकती है। इसके लक्षणों की बात करें तो इसमें तेज बुखार शरीर पर सूजन आना, जुकाम होना होता है। कई बार इसकी वजह से शरीर के कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं जिससे जान तक जाने का खतरा पैदा हो जाता है।
क्योंकि तमाम स्टेरॉयड में से एक ये भी है इसलिए भारत में डेक्सामेथासोन दवा के फ़ॉर्म्युलेशन का इस्तेमाल ब्लड कैंसर या कुछ अन्य कैंसर मरीज़ों के इलाज के दौरान भी होता आया है.
इंद्रप्रस्थ अपोलो और मेदांता अस्पताल में कैंसर विभाग के प्रमुख रह चुके डॉक्टर राकेश चोपड़ा ने बताया, "स्टेरॉयड का इस्तेमाल कारगर ऐसे होता है कि ये मानव शरीर में मौजूद कैंसर सेल्स को टारगेट करता है जिससे कीमोथेरेपी ज़्यादा असर कर सके."
डेक्सामेथासोन दवा का एक गहरा नाता खिलाड़ियों और एथलीटों से भी रहा है.
खेल से जुड़ी हल्की या गंभीर चोटों से उबरने की प्रक्रिया में इस दवा का इस्तेमाल किया जाता रहा है, ख़ासतौर से खिलाड़ियों को जल्दी बेहतर होने के लिए.
हालाँकि अंतरराष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी ने डेक्सामेथासोन को उन दवाओं की श्रेणी में रखा है, जिसे किसी भी प्रतियोगिया के दौरान लिए जाने पर पूरी पाबंदी है, लेकिन प्रतियोगिता से पहले या बाद में उपचार के सिलसिले में इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित नहीं है.
HRCT TEST KYA HOTA HAI
क्या है एचआर सीटी स्कैन
एचआर सीटी स्कैन मरीज की छाती के अंदर कोरोना संक्रमण की 3-डी तस्वीर देता है। एक्स-रे में जिन चीजों पर नजर नहीं जाती, वह इससे देखा जा सकता है। अगर मरीज को खांसी, सांस लेने में तकलीफ है और ऑक्सीजन का स्तर नीचे जा रहा है तो एचआर सीटी स्कैन बेहतर टेस्ट है। यह टेस्ट रोग की तीव्रता दिखा सकता है।
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